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"मैं तलाक दे रही हु"

अब आगे.

नर्स के जाते ही दो लड़की अंदर आई और सीधे पंक्ति के पास खड़ी हो गई. उसमे से एक थी aahaan की cousin सिस्टर एरिका, और दूसरी थी सिया.

एरिका पंक्ति के पास आई और उसके एक बाह को पकड़ के जोर जबर दस्ती से खड़ी की और दांत पीस के बोली, " तुमने खुद की जान लेने की कोशिश क्यु की? इसलिए ना की भाई तुम्हे attention दे. एक बात बता दु, तुम जो भी कर लो, भाई तुम्हे मुड़ के कभी नही dekhenge. "

वैसे ही पंक्ति की हालात ठीक नही थी, ऊपर से एरिका का लेक्चर वो और सुन नही पाई, और अपना बाह एरिका से हटा लिया और एरिका को धक्का दे दिया. अचानक धक्का देने से एरिका नीचे गिर गई और गुस्से मे पंक्ति को देखने लगी.

सिया जो पास ही खड़ी थी, वो जल्दी से एरिका के पास पहुची और उसे खड़ा करके पंक्ति को देख गुस्से मे चिल्लाई, तुमने इसे धक्का क्यु दिया? क्यु ऐसी behave कर रही हो? तुम्हे पता भी है, तुम्हे एरिका ने ही हॉस्पिटल टाइम पर पहुचाया था, अगर थोड़ी सी भी देर होती तो, अब तक तुम मर गई होती."

पंक्ति ने अपनी आँखे रोल कर ली तो एरिका को गुस्सा आया और पंक्ति मे पास आके उसे थप्पड़ मारने के लिए अपना हाथ उठा लिया. लेकिन एरिका के हाथ पंक्ति को छु भी पाता तभी पंक्ति ने उसके हाथ को बीच मे ही पकड़ लिया और उसके हाथ को दूर झटक के एक उंगली दिखा के दांत पीस के बोली, " अब और नही, बहुत सह लिया तुम दोनों की torcher. अब मैं और नही sahungi. अब तुमहारे हर वार का पलट वार मिलेगा तुम दोनों को. तुम दोनों ने मुझे बहुत दुख पहुचाया है. अब और नही."

ये कहते वक्त पंक्ति के आखो मे उन दोनों ने एक अजीब सी ठंडक दिखी, जो उन्होंने कभी पंक्ति के आखो मे नही देखा था. चाहे वो दोनों पंक्ति से कुछ भी कहे कुछ भी करे पंक्ति हमेशा चुप चाप सह लेती थी. अचानक आज पंक्ति के बदले हुए रवैये को देख दोनों हैरान हो गई. 

फिर सिया अपने होस मे आके बात संभाल ने की कोशिश करते हुए बोली, " पंक्ति, एरिका सिर्फ ahaan की फ़िक्र करती है. और तुम तो जानती हो ना वो इस वक्त business trip पर गया हुआ है, और ये प्रोजेक्ट कंपनी के लिए कितना जरूरी है तो, इसलिए ahaan को कुछ परेशानी ना हो, इसलिए एरिका तुम्हे ये बताना चाह रही थी की, ऐसी हरकते मत करो." सिया की आवाज हमेशा की तरह एम दम मिश्रि जैसी मीठी थी. जो हर कोई उसके आवाज ने खो जाए. पर पंक्ति अब सब समझ रही थी. उसने उन दोनों से अपनी नज़रे हटाइ और बेड पर जाकर बैठ गई. 

एरिका को पंक्ति की attitude अच्छी नही लगी और वो पंक्ति को देख गुस्से मे बोली, " आने दो भाई को, बताऊँगी उन्हे की तुमने कैसे मुझे धक्का दिया है. भाई से तुम्हे मार ना खिलवय ना तो मेरा नाम भी एरिका नही."

पंक्ति उसे एक कोल्ड लुक देके बोली, " जो बोलना है बोल देना, पर मैं अब उसे तलाक़ देने जा रही हु, इसलिए तुम उसे बताओ या ना बताओ, मुझे कोई फर्क नही परता. वैसे भी उसे मेरे जीने या मरने से कोई फर्क नही परता. और ये खुश khabri अपने भाई को जल्दी दे देना."

पंक्ति की बात सुन सिया और एरिका दोनों shock हो गई, मतलब जो लड़की ahaan के लिए पागल थी, किसी भी कीमत पर उसे छोड़ नही सकती थी, आज अचानक तलाक़ की बात सुन दोनों को अपनी कानो मे बिश्वास नही हुआ.

वो दोनों पंक्ति को अपनी हैरान नज़रों से देखने लगी. 

सिया ने हक लाके पूछा, " पंक्ति तुम सच मे उसे तलाक़ dogi? तुम ये कैसे ये कह सकती हो? वो तुम ही थी ना जो ahaan से forcefully शादी की थी."

पंक्ति ने एक एविल स्माइल कर बोली, " अरे सिया तुम्हे तो खुश होना चाहिए की मैं तुम दोनों के बीच से खुद ही जा रही हु, अब तुम दोनों अपनी मर्जी से शादी कर सकते हो. वैसे भी ahaan मेरी छोड़ी हुई ही तो होगा. जिसे तुम अब अपना बना सकती हो."

एरिका जो पंक्ति को देख रही थी, वो पंक्ति का एक बाह पकड़ उसके तरफ घुमाके गुस्से मे बोली, " अब क्या खेल खेल रही हो तुम? तुम यही चाहती थी ना की तुम्हारी तबियत की खबर सुन के भाई जल्दी से तुम्हारी पास आ जाए, पर मैं बता दु, भाई तुम्हे कभी भाव नही देंगे. तो ये बेकार की कोशिश करना बंद कर दो. और ये जो तलाक़ का नाटक कर रही हो अब, मुझे पता है ये भी तुम्हारा नाटक का ही एक हिस्सा है, तुम कोई उन्हे छोड़ नही रही हो. और अब सीधा घर जाओ, मैं कोई और तमाशा नही चाहती."

एरिका ने उसे direct ऑर्डर दे दिया, पहली वाली पंक्ति होती तो सायद अपना सर हा मे हिलके उसकी बात मान जाती, पर ये पंक्ति अब बदल चुकी है.

पंक्ति अपने आखो मे कोल्ड expression लाके बोली, " तुम बिश्वास करो या ना करो, मुझे कोई फर्क नही परता, पर हा ये सच है की मैं तुम्हारे भाई को divorce देने वाली हु, उसे ये गुड न्यूज़ जल्दी दे देना. वो खुसी से पागल हो जाएगा. और अब मैं उस घर मे कभी नही जाऊंगी."

ये कह पंक्ति उन दोनों को वही छोड़ वार्ड के बाहर चली गई. 

उसके जाने के बाद सिया एरिका के पास आई बोली, " एरिका, ये पंक्ति आज कुछ बदली बदली सी लग रही है, कुछ तो बदल गया है उसमे. देखो ना पहले हम उसे जो भी कहते जो भी करते वो चुप चाप सह लेती थी, उल्टा उसने कभी कोई जवाब नही दिया, फाइट  नही किया, पर आज तो ये पंक्ति पुरी बदल गई है. हमेशा डरी सहमी रहने वाली पंक्ति आज कैसे दबंग बन गई एरिका. क्या हो रहा है आखिर? "

एरिका अपने दांत पीस लिए और पंक्ति जिस तरफ गई थी उस तरफ देख बोली, " आने दो भाई को, उसकी band ना बजवा दी तो मेरा नाम भी एरिका नही. बहुत पड़ निकल आये है ना इसके, अब भाई ही इसे जमीं पर लाएंगे."

ये कह वो गुस्से से वार्ड से बाहर चली गई. 

To be continued... 


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